Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2022 · 1 min read

कन्यादान क्यों और किसलिए [भाग४]

इसकी हर एक शब्द पर पापा,
जाने कितनी मौत मैं मरती हूँ।
शरीर तो रहता हैं, पापा
पर आत्मा वहीं दफन हो जाता।

आप कहते हो मेरे पापा,
नया घर बसाओ तुम ।
अपने प्यार और विश्वास से,
सबके दिल में जगह बनाओ तुम।

जो बीत गई सो बात गई,
अब आगे को बढ जाओ तुम।
जीवन की हर खुशियों से,
नया संसार सजाओ तुम।

मैं पूछती हूँ मेरे पापा
ऐसा कैसे हो सकता है!
क्या टूटी-फूटी नींव पर
कोई महल बन सकता है!

मैं फिर आपसे पूछती पापा,
क्या बिना जड़ के कोई पेड़
पनपता है !
क्या अपने जड़ को भूलकर,
वह आसमान की ओर उठता है!

~अनामिका

Language: Hindi
5 Likes · 275 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
तेरी दहलीज़ तक
तेरी दहलीज़ तक
Surinder blackpen
अगर मुझे तड़पाना,
अगर मुझे तड़पाना,
Dr. Man Mohan Krishna
राजाधिराज महाकाल......
राजाधिराज महाकाल......
Kavita Chouhan
दोस्ती के धरा पर संग्राम ना होगा
दोस्ती के धरा पर संग्राम ना होगा
Er.Navaneet R Shandily
जुल्मतों का दौर
जुल्मतों का दौर
Shekhar Chandra Mitra
अर्थ व्यवस्था मनि मेनेजमेन्ट
अर्थ व्यवस्था मनि मेनेजमेन्ट
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
Ram Krishan Rastogi
💐💐प्रेम की राह पर-11💐💐
💐💐प्रेम की राह पर-11💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जो समझदारी से जीता है, वह जीत होती है।
जो समझदारी से जीता है, वह जीत होती है।
Sidhartha Mishra
सोच बदलनी होगी
सोच बदलनी होगी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिन्दगी
जिन्दगी
Ashwini sharma
सफ़र है बाकी (संघर्ष की कविता)
सफ़र है बाकी (संघर्ष की कविता)
Dr. Kishan Karigar
कुछ बातें मन में रहने दो।
कुछ बातें मन में रहने दो।
surenderpal vaidya
नैन मटकका और कहीं मिलना जुलना और कहीं
नैन मटकका और कहीं मिलना जुलना और कहीं
Dushyant Kumar Patel
वोटर की लाटरी (हास्य कुंडलिया)
वोटर की लाटरी (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
बाबा नीब करौरी
बाबा नीब करौरी
Pravesh Shinde
भुनेश्वर सिन्हा द्वारा संकलित गिरीश भईया फैंस कल्ब के वार्षिक कैलेंडर का किया गया विमोचन
भुनेश्वर सिन्हा द्वारा संकलित गिरीश भईया फैंस कल्ब के वार्षिक कैलेंडर का किया गया विमोचन
Bramhastra sahityapedia
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
वक्त के इस भवंडर में
वक्त के इस भवंडर में
Harminder Kaur
थम जाने दे तूफान जिंदगी के
थम जाने दे तूफान जिंदगी के
कवि दीपक बवेजा
"ताले चाबी सा रखो,
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
बार बार दिल तोड़ा तुमने , फिर भी है अपनाया हमने
बार बार दिल तोड़ा तुमने , फिर भी है अपनाया हमने
Dr Archana Gupta
प्राणदायी श्वास हो तुम।
प्राणदायी श्वास हो तुम।
Neelam Sharma
ईमानदारी, दृढ़ इच्छाशक्ति
ईमानदारी, दृढ़ इच्छाशक्ति
Dr.Rashmi Mishra
हर रिश्ता
हर रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
अब ज़िन्दगी ना हंसती है।
अब ज़िन्दगी ना हंसती है।
Taj Mohammad
वृक्ष किसी को
वृक्ष किसी को
DrLakshman Jha Parimal
■ भय का कारोबार...
■ भय का कारोबार...
*Author प्रणय प्रभात*
गीत प्रतियोगिता के लिए
गीत प्रतियोगिता के लिए
Manisha joshi mani
तुम्हारी बात
तुम्हारी बात
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...