कट्टरता बड़ा या मानवता

हमारे देश में विशेष अक्लमंदो की कमी नही है आज सुबह-सुबह एक मैसेज आया यह मेसेज कुछ अलग है यह मेसेज पूर्णतः धार्मिक कट्टरता को दर्शाता है। मैं राकेश कुमार राठौर इस मेसेज बनाने वाले से पूछना चाहता हूँ, हे महोदय जी आपने अपने बच्चे को हिन्दू संस्कार दिए हैं हिन्दू के सभी पाठ पढ़ा दिए हैं, आपने मेसेज में लिखा है कि “आप हिन्दू हैं तो अपने बच्चों को हिन्दू संस्कार दीजिये अन्यथा हम आपके अंतिम संस्कार में नही बैठेंगे। क्या आप अपने हिन्दू संस्कारी बच्चे की गारंटी लेते हैं कि आप का बच्चा कल किसी मुस्लिम या ईसाई धर्म के बच्चे से शादी कर ले या भाग जाए। हे महोदय जी सबसे पहले “संस्कार” क्या होता है उसका गहन अध्ययन करो फिर अपने शब्दों का प्रयोग करो।
हे महोदय जी “संस्कार” कोई हिन्दू, मुस्लिम,सिख,ईसाई जाति धर्म नही देखता वह तो केवल अच्छी सीख देखता है।
हे महोदय जी यदि कल आपके साथ कोई दुर्घटना घटित होता है और उस घटना स्थल पर सिख,ईसाई और मुस्लिम हैं वहाँ कोई हिन्दू नही है तब आप कैसे करेंगे? क्या आप किसी हिन्दू व्यक्ति का इंतजार करेंगे कि कोई हिन्दू व्यक्ति आएगा और मुझे अस्पताल तक पहुँचाएगा। चलिए एक हिन्दू व्यक्ति आ गया आपको अस्पताल तक पहुँचा गया और वह अस्पताल किसी ईसाई या मुस्लिम धर्म से संबंधित है तब आप कैसे करेंगे? क्या आप वहाँ चिल्ला-चिल्लाकर बोलेंगे कि मेरा यहाँ इलाज मत करवाओ मुझे हिन्दू अस्पताल ले जाओ? चलिए आप हिन्दू अस्पताल भी पहुँच गए अब आपको उस ब्लड की जरुरत है और वह ब्लड ग्रुप केवल ईसाई, सिख और मुस्लिम के ब्लड ग्रुप से मिलता है और आप ठहरे शुद्ध हिन्दू अब ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे? हे महोदय जी अपना मन साफ़ करो फिर संस्कार की बात करो।
हे हमारे देश के कट्टर हिन्दू भाईयो मेरी माँ के हार्ट का आपरेशन एक मुस्लिम चिकित्सालय में एक मुस्लिम चिकित्सक ने किया है उस चिकित्सक ने माँ को नया जीवन दिया है यह चिकित्सालय हमारे राज्य में मशहूर है, यहीं पर यदि वह चिकित्सक यह बोल दे कि मैं सिर्फ मुस्लिमों का ही ईलाज करूँगा अन्य धर्मो का नही? अब आप ही निर्णय ले कि धार्मिक कट्टरता बड़ा है या सच्ची मानवता।
राकेश कुमार राठौर
चाम्पा (छत्तीसगढ़)