Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Apr 2024 · 1 min read

कचनार kachanar

कचनार
लहलहाते पत्तों से सजे
विहॅस रही कलियों
अधखिले पुष्पों को
अपने शाखाओं में
हार के तरह धारण किये
वसन्त के स्वागत के लिए
आतुर है
कचनार।
शीतल वायु,गुनगनी धूप
से नये जीवन की धारा
प्रवाहित करने के लिए
प्रकृति की सुषमा
निखरेगी गुलाबी पुष्पों से।
वासंती हवा में सर्वांग सराबोर
कचनार आतुर है अपने
सौंदर्य से प्रकृति की छटा
बिखेरने के एक प्रबल पात्र
के तरह
सबल आधार।
ज्यों -ज्यों रससिक्त कलियां
प्रमोद के उन्मुक्त गगन में
तादात्म्य स्थापित करती हैं
हॅसती हैं,नये कलेवर में
सांस लेती हैं
कलियों से पुष्प बन जाना
सहज नहीं है।
सींचता है बागवान
अपने कठिन श्रम से,
नेह की
पावन धार ।
गुलाबी फूल जब खिलते हैं
बढ़ता है सौंदर्य
खिलता कोविदार।
वसन्त के स्वागत में
अपने हर्ष से
गाता है गीत, करता है स्वागत
प्यारा कचनार।।

**मोहन पाण्डेय ‘भ्रमर ‘
31मार्च 2024
रविवार
चित्र साभार फेसबुक वाल से

2 Likes · 96 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शब्द
शब्द
Sangeeta Beniwal
आए हैं रामजी
आए हैं रामजी
SURYA PRAKASH SHARMA
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 30  न
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 30 न
Shashi kala vyas
जिन्दगी का मामला।
जिन्दगी का मामला।
Taj Mohammad
Remeber if someone truly value you  they will always carve o
Remeber if someone truly value you they will always carve o
पूर्वार्थ
നിന്റെ ഓർമ്മകൾ
നിന്റെ ഓർമ്മകൾ
Heera S
3564.💐 *पूर्णिका* 💐
3564.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वक्त भी कहीं थम सा गया है,
वक्त भी कहीं थम सा गया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
कृष्णकांत गुर्जर
विश्व कप
विश्व कप
Pratibha Pandey
आपने खो दिया अगर खुद को
आपने खो दिया अगर खुद को
Dr fauzia Naseem shad
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
gurudeenverma198
एक ज़िद थी
एक ज़िद थी
हिमांशु Kulshrestha
*संस्कार*
*संस्कार*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
"कथनी-करनी"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं पत्थर की मूरत में  भगवान देखता हूँ ।
मैं पत्थर की मूरत में भगवान देखता हूँ ।
Ashwini sharma
सवाल
सवाल
Manisha Manjari
*मन् मौजी सा भँवरा मीत दे*
*मन् मौजी सा भँवरा मीत दे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेचारा प्रताड़ित पुरुष
बेचारा प्रताड़ित पुरुष
Manju Singh
भावना का कलश खूब
भावना का कलश खूब
surenderpal vaidya
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
Rituraj shivem verma
मेरी मौजूदगी बस हमारी सांसों तक है।
मेरी मौजूदगी बस हमारी सांसों तक है।
Rj Anand Prajapati
मैं ख़ुद डॉक्टर हूं
मैं ख़ुद डॉक्टर हूं" - यमुना
Bindesh kumar jha
*शिक्षक*
*शिक्षक*
Dushyant Kumar
तारो की चमक ही चाँद की खूबसूरती बढ़ाती है,
तारो की चमक ही चाँद की खूबसूरती बढ़ाती है,
Ranjeet kumar patre
ग़ज़ल __गुलज़ार देश अपना, त्योहार का मज़ा भी ,
ग़ज़ल __गुलज़ार देश अपना, त्योहार का मज़ा भी ,
Neelofar Khan
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
VINOD CHAUHAN
एहसास के सहारे
एहसास के सहारे
Surinder blackpen
🙅आज का सवाल🙅
🙅आज का सवाल🙅
*प्रणय प्रभात*
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...