Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2023 · 1 min read

कई राज मेरे मन में कैद में है

कई राज मेरे मन में कैद में है
पिंजरे में नहीं हूँ पर कैद में है

फूलों का संघर्ष भले काटो से
मतलब लोगों को शहद में है !

कवि दीपक सरल

1 Like · 64 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेशक खताये बहुत है
बेशक खताये बहुत है
shabina. Naaz
*मुकदमा  (कुंडलिया)*
*मुकदमा (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चाय जैसा तलब हैं मेरा ,
चाय जैसा तलब हैं मेरा ,
Rohit yadav
है प्यार तो जता दो
है प्यार तो जता दो
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मौसम कैसा आ गया, चहुँ दिश छाई धूल ।
मौसम कैसा आ गया, चहुँ दिश छाई धूल ।
Arvind trivedi
⚘️🌾गीता के प्रति मेरी समझ🌱🌷
⚘️🌾गीता के प्रति मेरी समझ🌱🌷
Ms.Ankit Halke jha
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
माँ तस्वीर नहीं, माँ तक़दीर है…
माँ तस्वीर नहीं, माँ तक़दीर है…
Anand Kumar
An Analysis of All Discovery & Development
An Analysis of All Discovery & Development
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जाम पीते हैं थोड़ा कम लेकर।
जाम पीते हैं थोड़ा कम लेकर।
सत्य कुमार प्रेमी
💐अज्ञात के प्रति-136💐
💐अज्ञात के प्रति-136💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
थोड़ी दुश्वारियां ही भली, या रब मेरे,
थोड़ी दुश्वारियां ही भली, या रब मेरे,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जो गए छोड़कर तुमको गोया
जो गए छोड़कर तुमको गोया
Ranjana Verma
मर जाऊँ क्या?
मर जाऊँ क्या?
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि ’
. inRaaton Ko Bhi Gajab Ka Pyar Ho Gaya Hai Mujhse
. inRaaton Ko Bhi Gajab Ka Pyar Ho Gaya Hai Mujhse
Ankita Patel
*हम पर अत्याचार क्यों?*
*हम पर अत्याचार क्यों?*
Dushyant Kumar
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तरुवर की शाखाएंँ
तरुवर की शाखाएंँ
Buddha Prakash
Hum bhi rang birange phoolo ki tarah hote
Hum bhi rang birange phoolo ki tarah hote
Sakshi Tripathi
क्योंकि मैं किसान हूँ।
क्योंकि मैं किसान हूँ।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता
वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता
मनोज कर्ण
उठो, जागो, बढ़े चलो बंधु...( स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके दिए गए उत्प्रेरक मंत्र से प्रेरित होकर लिखा गया मेरा स्वरचित गीत)
उठो, जागो, बढ़े चलो बंधु...( स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके दिए गए उत्प्रेरक मंत्र से प्रेरित होकर लिखा गया मेरा स्वरचित गीत)
डॉ.सीमा अग्रवाल
■ चिंताजनक
■ चिंताजनक
*Author प्रणय प्रभात*
दीवारें खड़ी करना तो इस जहां में आसान है
दीवारें खड़ी करना तो इस जहां में आसान है
Charu Mitra
सृष्टि रचेता
सृष्टि रचेता
RAKESH RAKESH
उसने कहा....!!
उसने कहा....!!
Kanchan Khanna
होली
होली
Manu Vashistha
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दस्तूर
दस्तूर
Dr. Rajiv
Loading...