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19 Jun 2024 · 1 min read

कई जिंदगियां महफूज़ रहती हैं,

कई जिंदगियां महफूज़ रहती हैं,
बस इक ताकत के भरोसे
वगरना कब पेड़ पर बैठे पंछी,
रात में जमीं पे गिर पड़ते हैं

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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