कई जिंदगियां महफूज़ रहती हैं,
कई जिंदगियां महफूज़ रहती हैं,
बस इक ताकत के भरोसे
वगरना कब पेड़ पर बैठे पंछी,
रात में जमीं पे गिर पड़ते हैं
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
कई जिंदगियां महफूज़ रहती हैं,
बस इक ताकत के भरोसे
वगरना कब पेड़ पर बैठे पंछी,
रात में जमीं पे गिर पड़ते हैं
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”