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10 Mar 2023 · 1 min read

और प्रतीक्षा सही न जाये

और प्रतीक्षा सही न जाये
हे प्रिय पीड़ा सही न जाये
अपने मन की मै ही जानू
बात किसी से कही न जाये …..✍️
पंकज पाण्डेय’सावर्ण्य ‘

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