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5 Sep 2016 · 1 min read

और कितनी निर्भया ?

निर्भया जिन्दा है
भारत की आवाज़ बनके
वो चिखती कह रही है ,
इन्साप चाहिए इन्साप चाहिए
पर न्याय कब मिलेगी
यहाँ तो कानून अंधा है
और बहरा भी है
फिर क्यो हमसब चुप हैं ?
युवा भारत के उबलते खून को क्या हुआ ?
और कितनी निर्भया
इस जुल्म को सहती रहेगी,
न्याय के लिये तरसती रहेगी
ऐसे असामाजिक तत्व के
आखिर कब खातमा होंगे
या फ़िर लोग हर रोज
बस तमाशा दिखते रहेंगे !
क्यों हमसब अनदेखा कर रहे हैं ?
कैसी जुल्म थमेगी ?
बस पहेली बनी हुई है ,
जो हमारी संस्कृति को कलंकित करती,
समस्या बन चुकी है
आवाज़ उठाने भर से कुछ नहीं होता
हमें सख्त और ससक्त कदम उठाने होंगे
तभी हर रोज हो रही भारत माँ की अनेक निर्भया जैसी साहसी बेटियों की,
जुल्म की शिकार नहीं होगी
°
°
दुष्यंत कुमार पटेल”चित्रांश”

Language: Hindi
287 Views
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