Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2022 · 1 min read

ऐ जाने वफ़ा मेरी हम तुझपे ही मरते हैं।

गज़ल
हर्फ़े क्वाफ़ी- अरते
रदीफ़ – हैं
221…..1222……221……1222
ऐ जाने वफ़ा मेरी हम तुझपे ही मरते हैं।
कल प्यार तुझे करते थे आज भी करते हैं।

वैसे तो तेरी आंखें कहती हैं तेरी मर्जी,
हर हाल में है पाना इनकार से डरते हैं।

तुझको ही छुपा रक्खा वर्षों से मेरे दिल में,
इस दिल में सजा लूंगा इकरार ये करते हैं।

जो प्यार मिले तेरा मुमकिन हैं सभी खुशियां,
तकरार कोई होगी ये सोच बिखरते हैं।

प्रेमी हूॅं तुम्हारा मैं ये मेरा खुदा जाने,
पाना है तुम्हें इक दिन में सोच सॅंवरते है।

……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 199 Views
You may also like:
Jindagi ko dhabba banaa dalti hai
Jindagi ko dhabba banaa dalti hai
Dr.sima
घिन लागे उल्टी करे, ठीक न होवे पित्त
घिन लागे उल्टी करे, ठीक न होवे पित्त
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
subhash Rahat Barelvi
“ अपने जन्म दिनों पर मौन प्रतिक्रिया ?..फिर अरण्यरोदन क्यों ?”
“ अपने जन्म दिनों पर मौन प्रतिक्रिया ?..फिर अरण्यरोदन क्यों...
DrLakshman Jha Parimal
वृद्धाश्रम
वृद्धाश्रम
मनोज कर्ण
💐प्रेम कौतुक-190💐
💐प्रेम कौतुक-190💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बाल कविता- कौन क्या बोला?
बाल कविता- कौन क्या बोला?
आर.एस. 'प्रीतम'
#पोस्टमार्टम-
#पोस्टमार्टम-
*Author प्रणय प्रभात*
एक वीरांगना का अन्त !
एक वीरांगना का अन्त !
Prabhudayal Raniwal
✍️ मिलाप...
✍️ मिलाप...
'अशांत' शेखर
त्रिया चरित्र
त्रिया चरित्र
Rakesh Bahanwal
ओ साथी ओ !
ओ साथी ओ !
Buddha Prakash
सिर्फ टी डी एस काट के!
सिर्फ टी डी एस काट के!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
कहानी ( एक प्यार ऐसा भी )
कहानी ( एक प्यार ऐसा भी )
श्याम सिंह बिष्ट
सामंत वादियों ने बिछा रखा जाल है।
सामंत वादियों ने बिछा रखा जाल है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हुनर में आ जाए तो जिंदगी बदल सकता है वो,
हुनर में आ जाए तो जिंदगी बदल सकता है वो,
कवि दीपक बवेजा
JHIJHIYA DANCE IS A FOLK DANCE OF YADAV COMMUNITY
JHIJHIYA DANCE IS A FOLK DANCE OF YADAV COMMUNITY
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
पड़ जाओ तुम इश्क में
पड़ जाओ तुम इश्क में
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मिला हमें  माँ  सा  नज़राना
मिला हमें माँ सा नज़राना
Dr Archana Gupta
जिन्दगी है बगावत तो खुलकर कीजिए।
जिन्दगी है बगावत तो खुलकर कीजिए।
Ashwini sharma
जले स्नेह का दीप।
जले स्नेह का दीप।
लक्ष्मी सिंह
*हर क्षण मुस्कुराता है (मुक्तक)*
*हर क्षण मुस्कुराता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
🚩परशु-धार-सम ज्ञान औ दिव्य राममय प्रीति
🚩परशु-धार-सम ज्ञान औ दिव्य राममय प्रीति
Pt. Brajesh Kumar Nayak
مستان میاں
مستان میاں
Shivkumar Bilagrami
अपनी हस्ती को मिटाना
अपनी हस्ती को मिटाना
Dr. Sunita Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Fuzail Sardhanvi
औरत कमज़ोर कहां होती है
औरत कमज़ोर कहां होती है
Dr fauzia Naseem shad
समझा होता अगर हमको
समझा होता अगर हमको
gurudeenverma198
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
बगावत का बिगुल
बगावत का बिगुल
Shekhar Chandra Mitra
Loading...