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4 May 2020 · 1 min read

ऐसा कैसे माँ होता है?

ऐसा कैसे माँ होता है?
सदियों से हो रहा उत्पीड़न नारी का,
उस संग बलात्कार होता है।
ऐसा कैसे…………………………?
वह पप्पू नामुराद आवारा,
जिसने पकड़ा था हाथ तुम्हारा।
लक दक वस्त्रधारण कर,
नेताजी संग घूम रहा था नाकारा।
जब होता है उत्कर्ष दुराचारी का,
मन में बहुत दुख होता है।
ऐसा कैसे…………………………?
अब अपने ही घर में हम नहीं सुरक्षित,
शर्मसार अपनों की ही नजरें करती हैं।
छोड़ कर कर्म धर्म अपना,
मेड़ें ही खेत को चरती हैं।
जिंदा ही हमको लाश बनाकर,
अपना बहुत खुश होता है।
ऐसा कैसे……………………..….?
माँ अबोध बेटी को आँचल में छिपाकर,
अपनों की कामुक नजरों से बचा रही थी।
अपनी नन्ही बाहों में माँ को भरकर,
बेटी धीरज बंधा रही थी।
उठ माँ अब कर विरोध,
अवरोध से कुंद रूख पापाचारी का होता है।
ऐसा कैसे………………………..?
छोड़ो माँ अब आस बिरानी,
खड्गधार बन जाओ भवानी।
करना कर दो प्रतिरोध शुरू,
नहीं करने दो दुष्टों को मनमानी।
जिसकी अस्मत बची रहती है,
उसको ही आत्मसुख होता है।
ऐसा कैसे……………………..….?

जयन्ती प्रसाद शर्मा

Language: Hindi
Tag: कविता
3 Likes · 2 Comments · 388 Views

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