Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Sep 2022 · 1 min read

एहसास

एक आश लगी जो तुझसे, सार नदी में डूब रहीं
अपनी नई कहानी सारी, चर्चा में वह खूब रहीं
सपने दफ़न निराले अपने, ख्वाबों में मजबूरी थी
आस – पास में रह करके, लाखों कदम की दूरी थी
याद तुम्हारी शीने में थीं, नजरों में तस्वीरे थी
धड़कन की कथा कहूँ क्या, प्रेम की मेरी पीरे थी
संजीवनी बूटी का वादा, वादा मेरा टूटे ना
छूट गए लम्हे सब पीछे, यादें तेरी छूटे ना
नव जीवन के नई विधा का, एक अवलोकन दे देना
अपने मुखर बिंदु की वाणी, दो शब्दों में कह देना
नव निर्वाण हमारा सारा, नाम तुम्हारा हो जाएं
बीजक में संगीत शब्द का, बोध हमारा हो जाएं

Language: Hindi
4 Likes · 336 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Er.Navaneet R Shandily
View all
You may also like:
मै ज़ब 2017 मे फेसबुक पर आया आया था
मै ज़ब 2017 मे फेसबुक पर आया आया था
शेखर सिंह
बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग
बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
हिंदी दोहे-प्राण
हिंदी दोहे-प्राण
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कितनी मासूम
कितनी मासूम
हिमांशु Kulshrestha
"कीमत"
Dr. Kishan tandon kranti
नए दौर का भारत
नए दौर का भारत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
🍁तेरे मेरे सन्देश- 8🍁
🍁तेरे मेरे सन्देश- 8🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
We all have our own unique paths,
We all have our own unique paths,
पूर्वार्थ
..
..
*प्रणय प्रभात*
वैसे तो होगा नहीं ऐसा कभी
वैसे तो होगा नहीं ऐसा कभी
gurudeenverma198
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
कवि दीपक बवेजा
लघुकथा - घर का उजाला
लघुकथा - घर का उजाला
अशोक कुमार ढोरिया
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं...
राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं...
Anand Kumar
3338.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3338.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
“उलझे हुये फेसबूक”
“उलझे हुये फेसबूक”
DrLakshman Jha Parimal
मुलाज़िम सैलरी पेंशन
मुलाज़िम सैलरी पेंशन
Shivkumar Bilagrami
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
sudhir kumar
दहलीज के पार 🌷🙏
दहलीज के पार 🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*नर से कम नहीं है नारी*
*नर से कम नहीं है नारी*
Dushyant Kumar
15. गिरेबान
15. गिरेबान
Rajeev Dutta
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
नव भारत निर्माण करो
नव भारत निर्माण करो
Anamika Tiwari 'annpurna '
Red is red
Red is red
Dr. Vaishali Verma
अगर कभी मिलना मुझसे
अगर कभी मिलना मुझसे
Akash Agam
वफ़ा के ख़ज़ाने खोजने निकला था एक बेवफ़ा,
वफ़ा के ख़ज़ाने खोजने निकला था एक बेवफ़ा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...