*एक शेर*

*एक शेर*
मनाओ आज दीवाली, मगर कुछ मितव्ययी बनकर
जरूरत रोशनी की, जिन्दगी में रोज पड़ती है
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रचयिता: रवि प्रकाश, रामपुर
*एक शेर*
मनाओ आज दीवाली, मगर कुछ मितव्ययी बनकर
जरूरत रोशनी की, जिन्दगी में रोज पड़ती है
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रचयिता: रवि प्रकाश, रामपुर