Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Aug 2016 · 1 min read

एक लम्हें में जिंदगी समेट लिया,,,

एक लम्हें में जिंदगी समेट लिया है
भर के बाहों में तुम्हें
एक अधूरा ख़्वाब सच कर लिया है
पाकर जिंदगी में तुम्हे

मेरा हर रास्ता गुजरने लगा है
जिंदगी से तेरे
मेरा हर ख्याब संवरने लगा है
मिलने से तेरे
हसरतों की फसल उगा लिया है
पाकर जिंदगी में तुम्हें
एक लम्हे में जिंदगी समेट लिया है
भर के बाँहों में तुम्हे,,,,

कुछ सोये अरमान मचलने लगे हैं
कुछ रोते लम्हे मुस्कराने लगे हैं
अंधेरी रात को भुला दिया है
पाकर जिंदगी में तुम्हें
एक लम्हे में जिंदगी समेट लिया है
भर के बाँहों में तुम्हें,,,
लक्ष्य@myprerna

Language: Hindi
212 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
"ये लालच"
Dr. Kishan tandon kranti
आ ख़्वाब बन के आजा
आ ख़्वाब बन के आजा
Dr fauzia Naseem shad
वो एक तवायफ थी।
वो एक तवायफ थी।
Taj Mohammad
💐प्रेम कौतुक-486💐
💐प्रेम कौतुक-486💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*दौड़ (अतुकान्त कविता)*
*दौड़ (अतुकान्त कविता)*
Ravi Prakash
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
Dr Manju Saini
क्या क्या बताए कितने सितम किए तुमने
क्या क्या बताए कितने सितम किए तुमने
Kumar lalit
अराच पत्रक
अराच पत्रक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"सुपर स्टार प्रचारक" को
*Author प्रणय प्रभात*
पैसा
पैसा
Kanchan Khanna
शोषण
शोषण
साहिल
किसान का दर्द
किसान का दर्द
तरुण सिंह पवार
रिश्ते
रिश्ते
Mamta Rani
बिटिया होती है कोहिनूर
बिटिया होती है कोहिनूर
Anamika Singh
6-जो सच का पैरोकार नहीं
6-जो सच का पैरोकार नहीं
Ajay Kumar Vimal
*आधुनिक सॉनेट का अनुपम संग्रह है ‘एक समंदर गहरा भीतर’*
*आधुनिक सॉनेट का अनुपम संग्रह है ‘एक समंदर गहरा भीतर’*
बिमल तिवारी आत्मबोध
श्री श्री रवि शंकर जी
श्री श्री रवि शंकर जी
Satish Srijan
✍️✍️एहसास✍️✍️
✍️✍️एहसास✍️✍️
'अशांत' शेखर
इश्क़ ला हासिल का हासिल कुछ नहीं
इश्क़ ला हासिल का हासिल कुछ नहीं
shabina. Naaz
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*
*"प्रकृति की व्यथा"*
Shashi kala vyas
तेरे दिल में मेरे लिए जगह खाली है क्या,
तेरे दिल में मेरे लिए जगह खाली है क्या,
Vishal babu (vishu)
रूठी हूं तुझसे
रूठी हूं तुझसे
Surinder blackpen
तेरे दुःख की गहराई,
तेरे दुःख की गहराई,
Buddha Prakash
गरीब
गरीब
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
महाशून्य
महाशून्य
Utkarsh Dubey “Kokil”
कैसा अलबेला इंसान हूँ मैं!
कैसा अलबेला इंसान हूँ मैं!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
मेरी बेटी मेरा अभिमान
मेरी बेटी मेरा अभिमान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हाथ में खल्ली डस्टर
हाथ में खल्ली डस्टर
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कृतज्ञता
कृतज्ञता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...