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17 Dec 2022 · 1 min read

एक मुक्तक….

सुसंस्कृत सभ्य शालीना, सुघड़ सोंणी सजीली-सी।
सुरीली सात सुर साधे, शिवा-सी शुभ सहेली-सी।
सलोनी सौम्य-सी सूरत, सुपर्णा-सी सुघड़ताई,
सरलता सादगी सरसे, सहज सुखदा सुहासी-सी।

– © सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)
“सृजन के पल” से

Language: Hindi
2 Likes · 148 Views
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