Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2021 · 2 min read

एक भारत श्रेष्ठ भारत

एक भारत श्रेष्ठ भारत

एक भारत श्रेष्ठ भारत मिलकर भारत बनाना है
भिन्न- भिन्न इंद्र धनुष के रंगों से सजाना है

तरह- तरह के फूल पिरोकर माला बन जाती है
जब तिरंगा लहराए गर्दन गर्व से तन जाती है

भारत की माटी के पुतले भी लोहे के माने जाते हैं
भगत, सुभाष और तिलक इस नाम से जाने जाते हैं

भारत की ऐसी माटी है जहाँ भगवान जन्में जाते हैं

सोने से हैं दिन यहाँ पर और चांदी सी है यहाँ रात
नदियों में अमृत की धारा जम के बरसे यहाँ बरसात
प्रगति के पथ पर चलना, रुकना हमें मंजूर नही
जब दिल में हम ठान लें तो मंजिल फिर दूर नहीं

नफरत नहीं पनपने देगें हम प्यार के दीप जलाएगे
कत्रा-कत्रा महके जिसका इक ऐसा गुलिस्ताँ बनाएगें

ना कोई हिन्दू, ना कोई मुस्लिम, ना कोई सिख ईसाई
हम सबसे पहले भारत वासी आपस में हैं भाई-भाई

एक थे हम, एक रहेगें यह सबको हमें समझाना है
जो भटक गए हैं, अपनी राह से उन्हें राह दिखाना है

राह में पडे हर रोडे को सफलता की सीढी़ बनाएगें
उन्हीं सीढियों से होके हम नया परचम लहराएगे

खेल, फौज देश की शान है
हर मन की हम बात सुनेगें, योग हम अपनाएगे
जन-जन को शिक्षत हम करेगें, निरक्षता दूर भगाएगे
ऐसा ही भाव जगे मन में हृदय से यह अपनाना है

धर्म एक हो, लक्ष्य एक हो, भारत को आगे बढाना है
विश्व गुरु के पद पर भारत श्रेष्ठ भारत मिलकर भारत बनाना है
सीरत यही संकल्प हमारा है…
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा

Language: Hindi
Tag: कविता
3 Likes · 2 Comments · 326 Views
You may also like:
मेरी राहों में ख़ार
मेरी राहों में ख़ार
Dr fauzia Naseem shad
हम और हमारे 'सपने'
हम और हमारे 'सपने'
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
Education
Education
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरा लेख
मेरा लेख
Ankita Patel
💐अज्ञात के प्रति-20💐
💐अज्ञात के प्रति-20💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
क्या बताऍं शुगर हो गई(  हास्य व्यंग्य )
क्या बताऍं शुगर हो गई( हास्य व्यंग्य )
Ravi Prakash
रहे मुहब्बत सदा ही रौशन..
रहे मुहब्बत सदा ही रौशन..
अश्क चिरैयाकोटी
हो साहित्यिक गूँज का, कुछ  ऐसा आगाज़
हो साहित्यिक गूँज का, कुछ ऐसा आगाज़
Dr Archana Gupta
■ पूरे है आसार...
■ पूरे है आसार...
*Author प्रणय प्रभात*
” विषय ..और ..कल्पना “
” विषय ..और ..कल्पना “
DrLakshman Jha Parimal
दिल की बात,
दिल की बात,
Pooja srijan
मैं भौंर की हूं लालिमा।
मैं भौंर की हूं लालिमा।
Surinder blackpen
कविता
कविता
Vandana Namdev
आत्मनिर्भरता का फार्मूला
आत्मनिर्भरता का फार्मूला
Shekhar Chandra Mitra
बच्चे को उपहार ना दिया जाए,
बच्चे को उपहार ना दिया जाए,
Shubham Pandey (S P)
इश्क़ जोड़ता है तोड़ता नहीं
इश्क़ जोड़ता है तोड़ता नहीं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
पेड़ नहीं, बुराइयां जलाएं
पेड़ नहीं, बुराइयां जलाएं
अरशद रसूल /Arshad Rasool
जब जब ……
जब जब ……
Rekha Drolia
पापा के परी
पापा के परी
जय लगन कुमार हैप्पी
एक पत्नि की पाती पति के नाम
एक पत्नि की पाती पति के नाम
Ram Krishan Rastogi
ऐ पड़ोसी सोच
ऐ पड़ोसी सोच
Satish Srijan
हिंदी की गौरवगाथा
हिंदी की गौरवगाथा
Vindhya Prakash Mishra
खुदारा मुझे भी दुआ दीजिए।
खुदारा मुझे भी दुआ दीजिए।
सत्य कुमार प्रेमी
सावन आया आई बहार
सावन आया आई बहार
Anamika Singh
!! मुसाफिर !!
!! मुसाफिर !!
RAJA KUMAR 'CHOURASIA'
वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता
वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता
मनोज कर्ण
जिंदगी में गम ना हो तो क्या जिंदगी
जिंदगी में गम ना हो तो क्या जिंदगी
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
चमत्कार
चमत्कार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
द्विराष्ट्र सिद्धान्त के मुख्य खलनायक
द्विराष्ट्र सिद्धान्त के मुख्य खलनायक
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...