Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2023 · 1 min read

” एक बार फिर से तूं आजा “

फिर से बाते वो पुरानी
करने तू आजा…।
एक बार साथ तू मेरा
देने आजा…।।

चाहती हूँ आज भी
मैं तुझें उतना…।
जितना कि तूने मुझे
पहले भी नहीं चाहा…।।

तेरे प्यार ने तो मुझे
पागल बना दिया…।
पर तू तो मौसम की
तरह बदल गया…।।

आज भी खड़ी हूँ
राह पर तेरी…।
पर तूने तो रास्ता ही
बदल दिया…।।

जागती हैं आज भी
आँखें मेरी रातों मे…।
पर ख्वाब मे भी आना
तूने छोड़ दिया…।।

लेखिका- आरती सिरसाट
बुरहानपुर मध्यप्रदेश
मौलिक एवं स्वरचित रचना

Language: Hindi
1 Like · 39 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
Ready for argument
Ready for argument
AJAY AMITABH SUMAN
वृक्ष लगाओ,
वृक्ष लगाओ,
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
अंदाज़े बयाँ
अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक नारी की वेदना
एक नारी की वेदना
Ram Krishan Rastogi
वो कोरोना का क़हर भी याद आएगा
वो कोरोना का क़हर भी याद आएगा
kumar Deepak "Mani"
हश्र का मंज़र
हश्र का मंज़र
Shekhar Chandra Mitra
वक़्त वो बे'रहम,लुटेरा है
वक़्त वो बे'रहम,लुटेरा है
Dr fauzia Naseem shad
-- फिर हो गयी हत्या --
-- फिर हो गयी हत्या --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क,
कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क,
डी. के. निवातिया
छोड दो उनको उन के हाल पे.......अब
छोड दो उनको उन के हाल पे.......अब
shabina. Naaz
वो खुलेआम फूल लिए फिरते हैं
वो खुलेआम फूल लिए फिरते हैं
कवि दीपक बवेजा
शाम
शाम
Neeraj Agarwal
Khuch rishte kbhi bhulaya nhi karte ,
Khuch rishte kbhi bhulaya nhi karte ,
Sakshi Tripathi
नाम लेकर वार करिए (हिंदी गजल/गीतिका )
नाम लेकर वार करिए (हिंदी गजल/गीतिका )
Ravi Prakash
......मंजिल का रास्ता....
......मंजिल का रास्ता....
Naushaba Suriya
एक बार फिर...
एक बार फिर...
Madhavi Srivastava
कमाई / MUSAFIR BAITHA
कमाई / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
बड़ा गुरुर था रावण को भी अपने भ्रातृ रूपी अस्त्र पर
बड़ा गुरुर था रावण को भी अपने भ्रातृ रूपी अस्त्र पर
सुनील कुमार
सोचा नहीं कभी
सोचा नहीं कभी
gurudeenverma198
नारी शक्ति
नारी शक्ति
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नहीं है पूर्ण आजादी
नहीं है पूर्ण आजादी
लक्ष्मी सिंह
संत एकनाथ महाराज
संत एकनाथ महाराज
Pravesh Shinde
“ पहिल सार्वजनिक भाषण ”
“ पहिल सार्वजनिक भाषण ”
DrLakshman Jha Parimal
एक पिता की जान।
एक पिता की जान।
Taj Mohammad
💐अज्ञात के प्रति-142💐
💐अज्ञात के प्रति-142💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अवधी लोकगीत
अवधी लोकगीत
प्रीतम श्रावस्तवी
एक ही भूल
एक ही भूल
Mukesh Kumar Sonkar
शाहजहां के ताजमहल के मजदूर।
शाहजहां के ताजमहल के मजदूर।
Rj Anand Prajapati
कड़वी बात~
कड़वी बात~
दिनेश एल० "जैहिंद"
पिता की छांव
पिता की छांव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
Loading...