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7 Aug 2022 · 1 min read

एक पत्र पुराने मित्रों के नाम

क्या करे मित्र तुम्हारे घर आकर हम।
अब तो कभी याद नहीं करते हमे तुम।।

हम सदा आते थे,जब कभी बुलाते थे तुम।
अब बुलाना छोड़ दिया,अब आए क्यों हम।।

याद करते रहते हैं हम ये जानते हो तुम।
हिचकियां आती रहती हैं ये जानते हैं हम।।

ये मेरा घर नहीं है,संभालो आकर अब तुम।
बुलाने की क्या जरूरत है आ जाओ तुम।।

दिल से हक दिया तुमने,इसलिए जताते हम।
अगर मिलता नहीं ये हक,क्यों जताते तुम्हें हम।।

हम तो खिलखिलाते हैं, पर खिलखिलाते नहीं तुम।
अगर एक बार खिलखिला दो तो मुस्करा देंगे हम।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 3 Comments · 199 Views

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