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6 Oct 2016 · 1 min read

एक दीप जलाया था मैने

तम के उस गहरे साये से
अस्तित्व विहीन समाए से
निशा के उद्वेलित आवेशो से
अंतः मन मे घबराए से
तेरी शरण मे आकर
कुछ ऐसे बचाया था मैने
एक दीप जलाया था मैने…..

निराशाओ मे सो जाना
ज्ञान कही पर खो जाना
सच्चाई से हो अनिभिग्य
मै मै बस मै हो जाना
सब कुछ तुझको समर्पित कर
खुद को बचाया था मैने
एक दीप जलाया था मैने…..

Language: Hindi
399 Views
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