एक दिन देखना तुम
एक दिन देखना तुम, एक दिन ऐसा होगा।
ख्वाब सच होगा मेरा,नाम मेरा भी होगा।।
एक दिन देखना तुम————————।।
मेरी खिल्ली उड़ा लो,कर लो मेरी मजाक तुम।
जीभर मेरी बुराई करो,लेकिन बात सुन लो तुम।।
होगा तुमको ताजुब्ब उस दिन, नूर मेरा यहाँ होगा।
एक दिन देखना तुम————————।।
किसी से कभी भी वक़्त, वफ़ाई नहीं रखता है।
तुमसे वफ़ा नहीं दौलत, किसपे अहम करता है।।
झुकेगा तेरा सिर मुझको, ताज मेरे सिर भी होगा।
एक दिन देखना तुम——————————।।
मैं ही नहीं हूँ यहाँ पापी, रब को लूटा है सभी ने।
मुझसे ही क्यों नफरत है, बेचा है ईमान सभी ने।।
मनहूस मुझको कह लो, रोशन सितारा मेरा होगा।
एक दिन देखना तुम————————–।।
हर दौर से गुजरा हूँ , जिंदगी से नहीं हूँ निराश।
दम है मुझमें अभी भी, वही हिम्मत वही जोश।।
सक्षम हूँ मैं भी इतना, स्वर्णिम इतिहास मेरा होगा।
एक दिन देखना तुम———————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)