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9 Dec 2022 · 1 min read

*** ” एक छोटी सी आश मेरे..! ” ***

” एक छोटी सी मेरी आशा चंचल…
कहती है मुझे…
चल अब चल, विंध्याचल..!
कुछ प्यास रख जिंदगी में…
एक हौसले और अदम्य साहस…
साथ रख जिंदगी में..!
सब कुछ मिल जायेंगे…
इस अनजाने राह में…!
बस सतत् चलने की एक कोशिश…
एक प्रयास…
एक अभ्यास कर जिंदगी में…!
जो देखता है ख्वाब़ कुछ…
तू अपने हर सपने में…!
अंकुरित हो निकल जायेंगे…
मिट्टी-सी आशा उर में…!
एक छोटी सी मेरी आशा चंचल…
कहती हैं मुझे…
चल अब चल विंध्याचल…!! ”

****************∆∆∆***************

* बी पी पटेल *
बिलासपुर ( छ . ग .)
०९ / १२ / २०२२

Language: Hindi
67 Views
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