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31 Jul 2016 · 1 min read

एक गुंचा…..

एक गुंचा
(२१२ x ३ )
क्यूँ हवा में ज़हर हो गया
हर शजर बेसमर हो गया !!१ !!

एक लम्हा राह में था खड़ा
याद में वो खंडर हो गया !!२!!

भर गया ज़ख्म कैसे भला
किस दुआ का असर हो गया !!३!!

आँख से जो गिरा टूट कर
दर्द वो एक सागर हो गया !!४!!

गुमशुदा था शहर आज तक
जल के वो इक खबर हो गया !!५!!

एक गुंचा क्या खिला बाग़ में
ख्वाब का वो एक घर हो गया !!६!!
sushil sarna

2 Comments · 518 Views
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