एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्पना मिथक से अधिक कुछ नहीं हो सकता..
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्पना मिथक से अधिक कुछ नहीं हो सकता..