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17 Sep 2022 · 1 min read

एक – एक दिन करके यूं ही

एक – एक दिन करके यूं ही बीत जायेगी ये जिन्दगी
कुछ तो समझो कुछ तो समझो कुछ तो समझो

एक – एक दिन करके खुशबुओं का समंदर हो जायेगी ये जिन्दगी
कुछ तो संभलो कुछ तो संभलो कुछ तो संभलो

इबादत करो रोशन खूबसूरत उपवन की , कहीं यूं ही न बिखर जाए ये जिन्दगी
कुछ तो सोचो कुछ तो सोचो कुछ तो सोचो

एक – एक दिन यूं ही फ़ना हो जायेगी ये जिन्दगी
कुछ तो करो कुछ तो करो कुछ तो करो

गीत बन निखर जाए , ग़ज़ल हो जाए ये जिन्दगी
कुछ तो प्रयास करो कुछ तो प्रयास करो कुछ तो प्रयास करो

खिल जाएँ फूल मुहब्बत के , आपसी मतभेद भुलाकर
कुछ तो सोचो कुछ तो सोचो कुछ तो सोचो

एक – एक दिन करके यूं ही बीत जायेगी ये जिन्दगी
कुछ तो समझो कुछ तो समझो कुछ तो समझो

एक – एक दिन करके खुशबुओं का समंदर हो जायेगी ये जिन्दगी
कुछ तो संभलो कुछ तो संभलो कुछ तो संभलो

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 63 Views

Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'

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