Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2020 · 2 min read

*** ” एक अनुप्रयोग……!!! ” ***

# कोई बड़ा हो या छोटा ,
सबका अपना एक अस्तित्व होता है ।
लेकिन….!
‘” मय ” का सफर , और अहंकार का डगर ,
पतन के साथ गर्त में होता है ।
हम सबको पता है ,
प्राकृतिक संख्याओं का आधार ,
शून्य (०) और नौ (९) होता है ।
किसी का स्थानीय मान कम ,
और किसी का अधिक होता है ।
९ का मान बड़ा था ,
इसलिए उसमें कुछ ज्यादा ही अकड़ था ।
एक बार संख्या ९ ने ,
८ को थप्पड़ मारा ।
८ बहुत रोने लगा……! ,
और पूछा मुझे आप ने क्यों मारा ।
९ ने बड़े ही गर्व से बोला,
मैं सबसे बड़ा हूँ , इसलिए मारा ।
यह सुनते ही , ८ ने ७ को मारा…..! ,
और ९ वाली बात को दुहरा दिया ।
फिर क्या…!
” ७ ने ६ को मारा ”
” ६ ने ५ को मारा ”
” ५ ने ४ को मारा ”
” ४ ने ३ को मारा ”
” ३ ने २ को मारा ”
और ” २ ने १ को मारा ”
अब ” १ ” किसको मारे ,
” १ ” के नीचे ” ० ” था।
” १ ” ने कुछ विचार किया ,
उसने ” ० ” को नहीं मारा ;
प्यार से उठा लिया ।
और अपनी बगल में बैठा लिया।
जैसे ही बैठाया…..! ,
” १ ” की ताकत ” १० ” हो गई ।
और यह देखकर अब ,
” ९ ” की हालत पस्त हो गई ।
फिर होना क्या था….! ,
” ९ ” की अकड़ खत्म हो गई ।
और ” १० ” से नतमस्तक हुई ।
शायद…! ,
कुछ निष्कर्ष निकल आया हो , इस कथन से ।
कैसे पतन हुई , आस्तित्व अब ” ९ ” की ,
” १ ” और ” ० ” की मिलन से ।
कहता है मेरा मन आवारा ;
डूबने पर समझ आता है , तिनके का सहारा।
मित्रों…..!!! ,
” जिंदगी में किसी का साथ काफी है । ”
” कंधे पर किसी का हाथ काफी है । ”
” दूर हो या पास….! , क्या फर्क पड़ता है ;
‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ एक अनमोल रिश्तों का एक ‘ अहसास ‘ ही काफी
है ….!!! ”

******************∆∆∆****************

* बी पी पटेल *
बिलासपुर ( छत्तीसगढ़ )
६ / ०४ / २०२०

Language: Hindi
Tag: कविता
3 Comments · 509 Views
You may also like:
मैं किसान हूँ
मैं किसान हूँ
Dr.S.P. Gautam
इक परिन्दा ख़ौफ़ से सहमा हुुआ हूँ
इक परिन्दा ख़ौफ़ से सहमा हुुआ हूँ
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मुर्गासन,
मुर्गासन,
Satish Srijan
मंजिले तड़प रहीं, मिलने को ए सिपाही
मंजिले तड़प रहीं, मिलने को ए सिपाही
Er.Navaneet R Shandily
सृष्टि रचयिता यंत्र अभियंता हो आप
सृष्टि रचयिता यंत्र अभियंता हो आप
Chaudhary Sonal
मजदूरों वही हाल,, तो क्या नया साल,,
मजदूरों वही हाल,, तो क्या नया साल,,
मानक लाल"मनु"
सफर
सफर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
भुनेश्वर सिन्हा द्वारा संकलित गिरीश भईया फैंस कल्ब के वार्षिक कैलेंडर का किया गया विमोचन
भुनेश्वर सिन्हा द्वारा संकलित गिरीश भईया फैंस कल्ब के वार्षिक...
Bramhastra sahityapedia
21…. त्रिभंगी छंद (मात्रिक छंद)
21…. त्रिभंगी छंद (मात्रिक छंद)
Rambali Mishra
You have climbed too hard to go back to the heights. Never g
You have climbed too hard to go back to the...
Manisha Manjari
मत पूछअ
मत पूछअ
Shekhar Chandra Mitra
■ आज की बात
■ आज की बात
*Author प्रणय प्रभात*
रंगोत्सव की हार्दिक बधाई
रंगोत्सव की हार्दिक बधाई
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सवैया /
सवैया /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
रात एक खिड़की है
रात एक खिड़की है
Surinder blackpen
होली
होली
Manu Vashistha
बाल कहानी - सुन्दर संदेश
बाल कहानी - सुन्दर संदेश
SHAMA PARVEEN
दहन अगर करना ही है तो
दहन अगर करना ही है तो
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ये लब कैसे मुस्कुराए दे।
ये लब कैसे मुस्कुराए दे।
Taj Mohammad
रामपुर महोत्सव प्रतीक चिन्ह (लोगो) प्रतियोगिता में मेरा लोगो पुरस्कृत हुआ // हार
रामपुर महोत्सव प्रतीक चिन्ह (लोगो) प्रतियोगिता में मेरा लोगो पुरस्कृत...
Ravi Prakash
तेरी आदत सी हो गई दिल को
तेरी आदत सी हो गई दिल को
Dr fauzia Naseem shad
अगर उठ गए ये कदम तो चलना भी जरुरी है
अगर उठ गए ये कदम तो चलना भी जरुरी है
'अशांत' शेखर
"अक्ल बेचारा"
Dr. Kishan tandon kranti
Inspiration - a poem
Inspiration - a poem
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं फिर आऊँगा
मैं फिर आऊँगा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
एहसास
एहसास
Ashish Kumar
💐प्रेम कौतुक-179💐
💐प्रेम कौतुक-179💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
विकसित भारत का लक्ष्य India@2047 । अभिषेक श्रीवास्तव ‘शिवा’
विकसित भारत का लक्ष्य India@2047 । अभिषेक श्रीवास्तव ‘शिवा’
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
उसी ने हाल यह किया है
उसी ने हाल यह किया है
gurudeenverma198
अश्रुपात्र A glass of tears भाग 9
अश्रुपात्र A glass of tears भाग 9
Dr. Meenakshi Sharma
Loading...