Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2024 · 1 min read

एक अधूरी चाह

जमीं उसको मिली,जिसे अंबर की आस थी।
समुंद्र उनको मिला,जिसे बूंदों की तलाश थी।
हमारे हिस्से में तो सिर्फ एक अनुभव आया।
जिसे खुद ही अपने मुकाम की प्यास थी।
तेरे रहते रहते पा लेना चाहता था तुम्हें।
पर तुम्हारे वजूद की शख्सियत ही खास थी।
हमे ये मलाल नहीं कि तुम्हे पा ना सके।
दीदार तो किया पर तुम्हे चाह न सके।
इसे वक्त का तगाजा कहूं या किस्मत की मार।
दर पर पहुंचकर भी लौटे तुम्हारे बगैर।
वो मिले तो उससे कहना एक जरूरी बात।
हर सुनहरे दिन के पीछे,छिपी है एक रात।
तुममे ताकत हैं तो मेरे होसलो में भी उड़ान है।
लडूंगा तब तक,जब तक इस शरीर में जान है।

Language: Hindi
119 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तू अब खुद से प्यार कर
तू अब खुद से प्यार कर
gurudeenverma198
3501.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3501.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
जीवन आशा
जीवन आशा
Neha
वो कौन थी जो बारिश में भींग रही थी
वो कौन थी जो बारिश में भींग रही थी
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
" बेताबी "
Dr. Kishan tandon kranti
तुझे स्पर्श न कर पाई
तुझे स्पर्श न कर पाई
Dr fauzia Naseem shad
# खरी बात
# खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
समझ आती नहीं है
समझ आती नहीं है
हिमांशु Kulshrestha
न्याय होता है
न्याय होता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
कृष्णकांत गुर्जर
भ्रूण हत्या:अब याचना नहीं रण होगा....
भ्रूण हत्या:अब याचना नहीं रण होगा....
पं अंजू पांडेय अश्रु
पिता
पिता
krupa Kadam
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
!!स्वाद और शुद्धता!!
!!स्वाद और शुद्धता!!
जय लगन कुमार हैप्पी
लो फिर नया साल आ गया...
लो फिर नया साल आ गया...
Jyoti Roshni
कर के मजदूरी बचपन निकलता रहा
कर के मजदूरी बचपन निकलता रहा
Dr Archana Gupta
मन खग
मन खग
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
भक्षक
भक्षक
Vindhya Prakash Mishra
मजदूर की अतंर्व्यथा
मजदूर की अतंर्व्यथा
Shyam Sundar Subramanian
रंग प्रेम के सबमें बांटो, यारो अबकी होली में।
रंग प्रेम के सबमें बांटो, यारो अबकी होली में।
श्रीकृष्ण शुक्ल
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
Aarti sirsat
"कहने को हैरत-अंगेज के अलावा कुछ नहीं है ll
पूर्वार्थ
International Camel Year
International Camel Year
Tushar Jagawat
यदि होना होगा, तो तूझे मेरा होना होगा
यदि होना होगा, तो तूझे मेरा होना होगा
Keshav kishor Kumar
एक उम्र के बाद
एक उम्र के बाद
*प्रणय*
सपने
सपने
Santosh Shrivastava
तुम जाते हो।
तुम जाते हो।
Priya Maithil
Loading...