Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Aug 2016 · 1 min read

एकाकीपन

एकाकी पन …….

आजकल एक चिडियॉ मुंडेर पर चहकती है
कभी ऑगन मे कभी बरंडे पर फुदकती है

गौर से देखा तो गाभिन पछी थी
तिनका तिनका जोड कर नीड रजती थी

बिन नर पछी के स्वयं कितनी सछम थी
स्वयं सेवी एवं संवयं संगठित थी

कुछ ही दिनो मे अंडो को सेते देखा
फिर नन्हे पंरिंदो के साथ चहकते देखा

आज चिडिया परिंदो के साथ उडान भर रही थी
उनके पंखो को परवाज दे रही थी

परिंदो ने भी अपना मकाम चुन लिया था
अपना आसमान अपना आयाम चुन लिया था

आज फिर चिडिया को नीड के पास देखा
अजब नीरवता का एहसास देखा

कुछ ……बहुत कुछ अपने सा जुडाव देखा
परिंदो के जाने क् बाद ……

क्या ! ये भी नीरवता का दर्द सहती है ?
मेरी तरह क्या ये भी एकाकी पन का दर्द सहती है

नीरा रानी
…………………
गाभिन ..,pregnant
नीड …nest
परवाज…lnspire
आयाम ..destination
नीरवता ..loneliness

Language: Hindi
579 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from NIRA Rani
View all
You may also like:
दिल यूँ ही नही मिला था
दिल यूँ ही नही मिला था
N.ksahu0007@writer
खास लम्हें
खास लम्हें
निकेश कुमार ठाकुर
"एक हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
■ मुक्तक / पुरुषार्थ ही जीवंतता
■ मुक्तक / पुरुषार्थ ही जीवंतता
*Author प्रणय प्रभात*
चुगलखोरी एक मानसिक संक्रामक रोग है।
चुगलखोरी एक मानसिक संक्रामक रोग है।
विमला महरिया मौज
*अक्षय तृतीया*
*अक्षय तृतीया*
Shashi kala vyas
জীবন চলচ্চিত্রের একটি খালি রিল, যেখানে আমরা আমাদের ইচ্ছামত গ
জীবন চলচ্চিত্রের একটি খালি রিল, যেখানে আমরা আমাদের ইচ্ছামত গ
Sakhawat Jisan
पतझड़ तेरी वंदना, तेरी जय-जयकार(कुंडलिया)
पतझड़ तेरी वंदना, तेरी जय-जयकार(कुंडलिया)
Ravi Prakash
अंतर्द्वंद्व
अंतर्द्वंद्व
मनोज कर्ण
ज़हन खामोश होकर भी नदारत करता रहता है।
ज़हन खामोश होकर भी नदारत करता रहता है।
Phool gufran
तू तो नहीं
तू तो नहीं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
Jatashankar Prajapati
A poor little girl
A poor little girl
Buddha Prakash
कोई न अपना
कोई न अपना
AMRESH KUMAR VERMA
पापा
पापा
Nitu Sah
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आओ तो सही,भले ही दिल तोड कर चले जाना
आओ तो सही,भले ही दिल तोड कर चले जाना
Ram Krishan Rastogi
छोड़कर ना जाना कभी।
छोड़कर ना जाना कभी।
Taj Mohammad
सजल
सजल
Rashmi Sanjay
हम उसी समाज में रहते हैं...जहाँ  लोग घंटों  घंटों राम, कृष्ण
हम उसी समाज में रहते हैं...जहाँ लोग घंटों घंटों राम, कृष्ण
ruby kumari
कमी नहीं थी___
कमी नहीं थी___
Rajesh vyas
नया साल सबको मुबारक
नया साल सबको मुबारक
Akib Javed
शादी से पहले और शादी के बाद
शादी से पहले और शादी के बाद
gurudeenverma198
शुभ रात्रि
शुभ रात्रि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
साज़िश
साज़िश
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
देती है सबक़ ऐसे
देती है सबक़ ऐसे
Dr fauzia Naseem shad
बेटी-पिता का रिश्ता
बेटी-पिता का रिश्ता
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Sakshi Tripathi
सोने के भाव बिके बैंगन
सोने के भाव बिके बैंगन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
विचारमंच भाग -3
विचारमंच भाग -3
Rohit Kaushik
Loading...