Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2022 · 1 min read

‘ऋतुराज वसंत’

निरख रूप ऋतुराज का,
ठहर गए रति नैन।
पीत छटा में भीज कर,
बहा हृदय का चैन।।

ठिठुरन देख ठिठक गई,
दिनकर ने बढ़ाया ताप।
ढोलक झांझ मृदंग पर,
थप-थप पड़ती थाप।।

आम्र मंजरी खिल गई,
महकी लगे बयार।
कोयल कूके यूँ लगे,
बजे हृदय के तार।।

मंद मलय समीर चली,
सर सर करते पात।
पीत वर्ण से दमक रहा,
माँ वसुधा का गात।।

भिन्न रंग के फूल खिले,
तितली करती नर्तन।
भ्रमर पुष्प रस पान करे,
हुआ मस्त वन उपवन।।

बालक हाथ पंतग ले ,
चहुँ दिस करें कलोल।
माँ पीछे भागी फिरें,
ढूँढें इत-उत डोल।।

चले तीर जब मदन के,
बच न सके नर नार।
ले अवलंबन स्नेह का,
मिलकर उतरें पार।।

पवन सुंगधित बह रही,
पुष्प पराग ले हाथ।
प्रिया पिय के संग चली,
ले हाथों में हाथ।।
✳✳✳✳✳✳
©®

Language: Hindi
Tag: दोहा
544 Views
You may also like:
✍️किसी रूठे यार के लिए...
✍️किसी रूठे यार के लिए...
'अशांत' शेखर
भाये ना यह जिंदगी, चाँद देखे वगैर l
भाये ना यह जिंदगी, चाँद देखे वगैर l
अरविन्द व्यास
बड़ी मुश्किल से आया है अकेले चलने का हुनर
बड़ी मुश्किल से आया है अकेले चलने का हुनर
कवि दीपक बवेजा
होना चाहिए निष्पक्ष
होना चाहिए निष्पक्ष
gurudeenverma198
💐अज्ञात के प्रति-105💐
💐अज्ञात के प्रति-105💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"अतीत"
Dr. Kishan tandon kranti
अहा!नव सृजन की भोर है
अहा!नव सृजन की भोर है
नूरफातिमा खातून नूरी
वैराग्य का भी अपना हीं मजा है,
वैराग्य का भी अपना हीं मजा है,
Manisha Manjari
हिंदी दोहा बिषय:- बेतवा (दोहाकार-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी')
हिंदी दोहा बिषय:- बेतवा (दोहाकार-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी')
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दिल की बात
दिल की बात
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ज़ुदा हैं रास्ते अपने,
ज़ुदा हैं रास्ते अपने,
Rashmi Sanjay
प्यार -ए- इतिहास
प्यार -ए- इतिहास
Nishant prakhar
■ व्यंग्य आलेख- काहे का प्रोटोकॉल...?
■ व्यंग्य आलेख- काहे का प्रोटोकॉल...?
*Author प्रणय प्रभात*
रंग पंचमी
रंग पंचमी
जगदीश लववंशी
-
- "इतिहास ख़ुद रचना होगा"-
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
✍️वो अच्छे से समझता है ✍️
✍️वो अच्छे से समझता है ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
एक नेता
एक नेता
पंकज कुमार कर्ण
खुद पर यकीं
खुद पर यकीं
Satish Srijan
मां
मां
Sushil chauhan
दूर तक साथ थी
दूर तक साथ थी
Dr fauzia Naseem shad
नाम में क्या रखा है
नाम में क्या रखा है
सूर्यकांत द्विवेदी
"सेवानिवृत कर्मचारी या व्यक्ति"
Dr Meenu Poonia
दुनिया में लोग अब कुछ अच्छा नहीं करते
दुनिया में लोग अब कुछ अच्छा नहीं करते
shabina. Naaz
बच्चों को भी भगवान का ही स्वरूप माना जाता है !
बच्चों को भी भगवान का ही स्वरूप माना जाता है...
पीयूष धामी
हनुमानजी
हनुमानजी
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
तुम स्वर बन आये हो
तुम स्वर बन आये हो
Saraswati Bajpai
बेटियों से
बेटियों से
Shekhar Chandra Mitra
जीवन मे एक दिन
जीवन मे एक दिन
N.ksahu0007@writer
बाल कविता  :   दीवाली
बाल कविता : दीवाली
Ravi Prakash
Loading...