उसकी सूरत देखकर दिन निकले तो कोई बात हो

उसकी सूरत देखकर दिन निकले तो कोई बात हो
मिल जाए दिन भर उसी का साथ तो कोई बात हो
न होगी कोई “अद्वितीय” पा लेने की ख़्वाहिश बस
अगले साथ जनम तक उसे पा लें तो कोई बात हो
स्वरचित/मौलिक ✍️
डॉ. शैलेन्द्र कुमार गुप्ता
“अद्वितीय”
7828506874
छत्तीसगढ़