Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2023 · 1 min read

उर्दू

बांधे क्या समां!
यह उर्दू जुबां!!
कुर्बां यह दिल!
सदके यह जां!!
#अदब #शायरी #कविता
#Urdu #poetry #ग़ज़ल
#Ghazal #language
#भाषा #रेख़्ता #ज़ुबान

Language: Hindi
257 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रिश्ते
रिश्ते
Mamta Rani
रसीले आम
रसीले आम
नूरफातिमा खातून नूरी
दिल करता है तितली बनूं
दिल करता है तितली बनूं
Surinder blackpen
बचपन की सुनहरी यादें.....
बचपन की सुनहरी यादें.....
Awadhesh Kumar Singh
✍️कुछ रक़ीब थे...
✍️कुछ रक़ीब थे...
'अशांत' शेखर
*तेरा इंतज़ार*
*तेरा इंतज़ार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
नज़रे उठाके देख लो।
नज़रे उठाके देख लो।
Taj Mohammad
!! दिल के कोने में !!
!! दिल के कोने में !!
Chunnu Lal Gupta
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
Dushyant Baba
ठान लिया है
ठान लिया है
Buddha Prakash
प्यार करने वाले
प्यार करने वाले
Pratibha Pandey
वर्तमान भी छूट रहा
वर्तमान भी छूट रहा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
भांथी के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने / मुसाफ़िर बैठा
भांथी के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
“AUTOCRATIC GESTURE OF GROUP ON FACEBOOK”
“AUTOCRATIC GESTURE OF GROUP ON FACEBOOK”
DrLakshman Jha Parimal
I knew..
I knew..
Vandana maurya
दरारें छुपाने में नाकाम
दरारें छुपाने में नाकाम
*Author प्रणय प्रभात*
💐
💐"गीता= व्यवहारे परमार्थ च तत्वप्राप्ति: च"💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गुजरे हुए वक्त की स्याही से
गुजरे हुए वक्त की स्याही से
Karishma Shah
समझता है सबसे बड़ा हो गया।
समझता है सबसे बड़ा हो गया।
सत्य कुमार प्रेमी
वृक्ष लगाओ,
वृक्ष लगाओ,
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Life through the window during lockdown
Life through the window during lockdown
ASHISH KUMAR SINGH
बच कर रहता था मैं निगाहों से
बच कर रहता था मैं निगाहों से
Shakil Alam
*सिंह की सवारी (घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद)*
*सिंह की सवारी (घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद)*
Ravi Prakash
ईद में खिलखिलाहट
ईद में खिलखिलाहट
Dr. Kishan Karigar
देवदासी प्रथा
देवदासी प्रथा
Shekhar Chandra Mitra
भाये ना यह जिंदगी, चाँद देखे वगैर l
भाये ना यह जिंदगी, चाँद देखे वगैर l
अरविन्द व्यास
सावन
सावन
Madhavi Srivastava
"इतिहास गवाह है"
Dr. Kishan tandon kranti
निर्लज्ज चरित्र का स्वामी वो, सम्मान पर आँख उठा रहा।
निर्लज्ज चरित्र का स्वामी वो, सम्मान पर आँख उठा रहा।
Manisha Manjari
करना धनवर्षा उस घर
करना धनवर्षा उस घर
gurudeenverma198
Loading...