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15 Dec 2022 · 1 min read

उम्र गुजर रही है अंतहीन चाह में

उम्र गुजर रही है अंतहीन चाह में

हर आदमी लगा है, सुख की तलाश में
जिंदगी लगा दी, सुखों की आस में
उम्र गुजर रही है, अंतहीन चाह में
मृगमारीचका की अंतहीन प्यास में
धन शक्ति और पद की, पागल है चाह में
भौतिक साधनों के, असीमित लगाव में
उम्र गुजर गई, कुछ न कुछ अभाव में
इच्छाओं के अनंत आकाश में
सुख न मिल सका, आखरी भी पड़ाव में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

1 Like · 69 Views
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