उन वीर सपूतों को

उन वीर सपूतों को कभी, हम भूला सकते नहीं।
उन शहीदों का कर्ज ,हम चुका सकते नहीं।
दी है जिन्होंने कुर्बानी, इस देश के लिए अपनी
उन शहीदों का बलिदान ,हम भूला सकते नहीं।।
उन वीर सपूतों को——————–।।
आजाद वतन कराने को, जो जंग लड़े अंग्रेजों से।
नहीं मांगी जिन्होंने माफी,उन जुल्मी अंग्रेजों से।।
सिर चाहे कटवा दिया, लेकिन झुकाया सिर नहीं।
ऐसे देशभक्तों की गाथा,हम भूला सकते नहीं।
उन वीर सपूतों को——————–।।
जिनके जज्बे जोश से, फिरंगी भी घबरा गए।
जो देश की आजादी में, हँसते फांसी चढ़ गए।।
भूल गए जो देश के लिए, अपना सुख और परिवार।
सुखदेव भगतसिंह राजगुरु को, हम भूला सकते नहीं।।
उन वीर सपूतों को——————–।।
लड़ते हैं जो देश के लिए , दुश्मन से जी जान से।
महफूज है देश हमारा, शहीदों के बलिदान से।।
जिंदा है हम उनके दम पर, जो सीमा पर है प्रहरी।
उन सैनिकों का त्याग कभी,हम भूला सकते नहीं।।
उन वीर सपूतों को———————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)