आपणौ धुम्बड़िया❤️
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए
आदमी क्यों खाने लगा हराम का
गहरे ध्यान में चले गए हैं,पूछताछ से बचकर।
ग़ज़ल _ दर्द भूल कर अपने, आप मुस्कुरा देना !
गुलाम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य: पुनर्गठन।
वो तशद्दुद इशारों से रोने लगे थे ,
डर, साहस, प्रेरणा,कामुकता,लालच,हिंसा,बेइमानी इत्यादि भावनात्
यह बात शायद हमें उतनी भी नहीं चौंकाती,
बच्चा हो बड़ा हो,रिश्ता हो परिवार हो ,पैसा हो करियर हो
तमाशा लगता है
Vishnu Prasad 'panchotiya'
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
***किस दिल की दीवार पे…***