उतर के आया चेहरे का नकाब उसका,

उतर के आया चेहरे का नकाब उसका,
खोल के देखा जब मैंने किताब उसका!
उजला सा लगता था लिबास उसका…,
बाद में करेंगे पुराना ये हिसाब उसका !!
✍कवि दीपक सरल
उतर के आया चेहरे का नकाब उसका,
खोल के देखा जब मैंने किताब उसका!
उजला सा लगता था लिबास उसका…,
बाद में करेंगे पुराना ये हिसाब उसका !!
✍कवि दीपक सरल