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17 Mar 2023 · 1 min read

उड़ान

ए दिल ना रोक मुझे
अब तू मुझे उड़ जाने दे
इस गगन की गहराई में
अब तू मुझे खो जाने दे

कैसा यह समाज तेरा
कैसे यह ताने-बाने
थक गई हूं अब मैं
अब तू मुझे कुछ बन जाने दे

कांटे थे जो पंख मेरे
अब उन्हें सवर जाने दे
तेरी इस खुशबू में
अब मुझे मेहक जाने दे

फैला लू मैं पंख अपने
छा जाऊं इस जग में
रह जाए सब देखते
उड़ जाऊं मैं नील गगन में

Language: Hindi
Tag: कविता
3 Likes · 62 Views

Books from Manisha Bhardwaj

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