*ईश का वरदान है 【मुक्तक】*

ईश का वरदान है 【मुक्तक】
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रूप – यौवन चार दिन का , देह में मेहमान है
धन-पद-प्रतिष्ठा जो मिली ,टिकना कहाँ आसान है
डूबती साँसों से , बूढ़ी जिंदगी ने यह कहा
आना मरण का इस धरा पर ,ईश का वरदान है
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451