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23 Mar 2023 · 1 min read

इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरर जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखन

इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखना भी चाहूँ, इंकलाब लिख जाता हूँ।
भगत सिंह

Language: Hindi
77 Views
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