इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरर जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखन

इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखना भी चाहूँ, इंकलाब लिख जाता हूँ।
भगत सिंह
इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखना भी चाहूँ, इंकलाब लिख जाता हूँ।
भगत सिंह