इस्कूल जाइ छि हम
स्कूल जाइत छि हम
झोड़ा में कॉपी किताब नेने
स्कूल बैग में टिफिन रखने
कूदैत फंगैत हँसैत गबैत
स्कूल जाइत छि हम.
टेम टेम पर पढ़ब-लिखब
अ आ आई हम सीखब
पैरे पैरे, स्कूल गाड़ी मे बैसि
हमहूँ आई स्कूल जाएब.
अपने मने कहियो भिंसरे उठब
सभ सं पहिने मुहँ हाथ धोअब
भूख लागत ता जलखै करब
फेर कनि कल पढ़ै लेल बैसब.
इस्कूल के घंटी हमरा शोर पारै
मास्टरजी कतेक नीक खिस्सा सुनाबैथ
नहा सोना के छि हम तैयार
मम्मी डैडी हमरा स्कूल द आबै.
किताब मे कतेक नीक डाँरी पारल
सीलेट भट्ठा पर लिखब नीक लागल
देखि देखि हम डाँरी परलौहं
रंग भरल स्केच केहेन हँसी लागल.
मास्टरजी हमरा कान मे कहलैन
पढ़ बौआ अ आ, सी डी ई
आई हहूँ अक्षर सिखलौहं
हँसी लागल केहेन खी खी खी
आई कतेक लोक इस्कूल एलै
धिया-पूता सभ हँसले-कनलै
सभ मिली फेर पढ़ै लगलै
मास्टरजी के कतेक नीक लगलै.
इस्कूल मे नबका ज्ञान सीखब
पढहब-लिखब आ खेलब-धूपब
दोस महिम संग सलाह आ झगड़ा
कतेक नीक किताबी ककहरा.
जखैन जेहेन नीक लागल
फेर खेलेबो धूपबो करैत छि हम
अपने मने आ की होमवर्क बनने
इस्कूल जाइत छि हम.
कवि- किशन कारीगर
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