Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2022 · 1 min read

इश्क में तुम्हारे गिरफ्तार हो गए।

इश्क में तुम्हारे गिरफ्तार हो गए।
दूसरों के लिए हम बेकार हो गए।।1।।

सलीका ना था बात करने का हमें।
मोहब्बत करके समझदार हो गए।।2।।

बड़ी शिद्दत से तुमसे प्यार करके।
अशिकों में हम असरदार हो गए।।3।।

बेनूर सी ये जिन्दगी थी अब तक।
नूर की दौलत से मालदार हो गए।।4।।

तुमको चाहने वालों से दुश्मनी है।
इश्के दुश्मनों से खबरदार हो गए।।5।।

जबसे बने हो दिलदार तुम हमारे।
तुम्हारे इश्क में बे-दीनदार हो गए।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

1 Like · 359 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all

You may also like these posts

#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
कर्ण का शौर्य
कर्ण का शौर्य
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
मेरा शहर
मेरा शहर
नेताम आर सी
हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें
हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें
Dr.Pratibha Prakash
//जीवन आपका और मुकर्रर भी //
//जीवन आपका और मुकर्रर भी //
Koमल कुmari
*अजब है उसकी माया*
*अजब है उसकी माया*
Poonam Matia
जब रात बहुत होती है, तन्हाई में हम रोते हैं ,
जब रात बहुत होती है, तन्हाई में हम रोते हैं ,
Neelofar Khan
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
gurudeenverma198
प्रत्याशा
प्रत्याशा
Omee Bhargava
रास्ते का फूल ना बन पाई तो..
रास्ते का फूल ना बन पाई तो..
Priya Maithil
'धुँआ- धुँआ है जिंदगी'
'धुँआ- धुँआ है जिंदगी'
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरे हमराज
मेरे हमराज
Mukund Patil
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
भारतवर्ष महान
भारतवर्ष महान
surenderpal vaidya
समर कैम्प (बाल कविता )
समर कैम्प (बाल कविता )
Ravi Prakash
सपनों का सफर
सपनों का सफर
पूर्वार्थ
मातर मड़ई भाई दूज
मातर मड़ई भाई दूज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
होर्डिंग्स
होर्डिंग्स
अंकित आजाद गुप्ता
दोस्त जितने भी मिले,वफादार मिले
दोस्त जितने भी मिले,वफादार मिले
करन ''केसरा''
आएंगे वो तुम्हें नीचा दिखाने,
आएंगे वो तुम्हें नीचा दिखाने,
Ritesh Deo
" उधार का सूद "
Dr. Kishan tandon kranti
‘मेरी खामोशी को अब कोई नाम न दो’
‘मेरी खामोशी को अब कोई नाम न दो’
सुशील भारती
.
.
Shweta Soni
7.प्रश्न
7.प्रश्न
Lalni Bhardwaj
दुनियाँ सेल्फिश है
दुनियाँ सेल्फिश है
Dhananjay Kumar
मंजिलें
मंजिलें
Shutisha Rajput
😊■रोज़गार■😊
😊■रोज़गार■😊
*प्रणय*
विजयदशमी
विजयदशमी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
3775.💐 *पूर्णिका* 💐
3775.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...