Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2022 · 1 min read

इश्क में तुम्हारे गिरफ्तार हो गए।

इश्क में तुम्हारे गिरफ्तार हो गए।
दूसरों के लिए हम बेकार हो गए।।1।।

सलीका ना था बात करने का हमें।
मोहब्बत करके समझदार हो गए।।2।।

बड़ी शिद्दत से तुमसे प्यार करके।
अशिकों में हम असरदार हो गए।।3।।

बेनूर सी ये जिन्दगी थी अब तक।
नूर की दौलत से मालदार हो गए।।4।।

तुमको चाहने वालों से दुश्मनी है।
इश्के दुश्मनों से खबरदार हो गए।।5।।

जबसे बने हो दिलदार तुम हमारे।
तुम्हारे इश्क में बे-दीनदार हो गए।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

1 Like · 263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वफादारी का ईनाम
वफादारी का ईनाम
Shekhar Chandra Mitra
#एक_प्रेरक_प्रसंग-
#एक_प्रेरक_प्रसंग-
*Author प्रणय प्रभात*
Forest Queen 'The Waterfall'
Forest Queen 'The Waterfall'
Buddha Prakash
दूसरों के कर्तव्यों का बोध कराने
दूसरों के कर्तव्यों का बोध कराने
Dr.Rashmi Mishra
*चैत : 13 दोहे*
*चैत : 13 दोहे*
Ravi Prakash
चाय और गपशप
चाय और गपशप
Seema gupta,Alwar
पृथ्वीराज
पृथ्वीराज
Sandeep Pande
कैसे मैं याद करूं
कैसे मैं याद करूं
Anamika Singh
पैसा
पैसा
Sushil chauhan
ए जिंदगी तू सहज या दुर्गम कविता
ए जिंदगी तू सहज या दुर्गम कविता
Shyam Pandey
सिलसिले साँसों के भी थकने लगे थे, बेजुबां लबों को, रूह की खामोशी में थरथराना था।
सिलसिले साँसों के भी थकने लगे थे, बेजुबां लबों को, रूह की खामोशी में थरथराना था।
Manisha Manjari
टाँगतोड़ ग़ज़ल / MUSAFIR BAITHA
टाँगतोड़ ग़ज़ल / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
एक सोच ऐसी रखों जो बदल दे ज़िंदगी को
एक सोच ऐसी रखों जो बदल दे ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
मैं चाँद को तोड़ कर लाने से रहा,
मैं चाँद को तोड़ कर लाने से रहा,
Vishal babu (vishu)
ऐसा नहीं है कि मैं तुम को भूल जाती हूँ
ऐसा नहीं है कि मैं तुम को भूल जाती हूँ
Faza Saaz
जितनी बार निहारा उसको
जितनी बार निहारा उसको
Shivkumar Bilagrami
बचपन की अठखेलियाँ
बचपन की अठखेलियाँ
लक्ष्मी सिंह
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
shabina. Naaz
सावन में तुम आओ पिया.............
सावन में तुम आओ पिया.............
Awadhesh Kumar Singh
पाया ऊँचा ओहदा, रही निम्न क्यों सोच ?
पाया ऊँचा ओहदा, रही निम्न क्यों सोच ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
मां की दुआ है।
मां की दुआ है।
Taj Mohammad
दोहे
दोहे
दुष्यन्त 'बाबा'
#एकअबोधबालक
#एकअबोधबालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐प्रेम कौतुक-533💐
💐प्रेम कौतुक-533💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुम नि:शब्द साग़र से हो ,
तुम नि:शब्द साग़र से हो ,
Stuti tiwari
नेता की रैली
नेता की रैली
Punam Pande
ये कैसी आज़ादी - कविता
ये कैसी आज़ादी - कविता
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
नयी बहुरिया घर आयी*
नयी बहुरिया घर आयी*
Dr. Sunita Singh
रंग भी रंगीन होते है तुम्हे छूकर
रंग भी रंगीन होते है तुम्हे छूकर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
पराये सपने!
पराये सपने!
Saransh Singh 'Priyam'
Loading...