इश्क था तो शिकवा शिकायत थी,
इश्क था तो शिकवा शिकायत थी,
कहा सुनी थी, रूठना मनाना था, पर
अब तो नाराजगी तक नहीं,
क्योंकि अब तुझसे इश्क जो नहीं।
पोइट्री खाखोलिया
इश्क था तो शिकवा शिकायत थी,
कहा सुनी थी, रूठना मनाना था, पर
अब तो नाराजगी तक नहीं,
क्योंकि अब तुझसे इश्क जो नहीं।
पोइट्री खाखोलिया