Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2024 · 1 min read

इश्क़ में किसी मेहबूब की बाहों का सहारा हो गया ।

इश्क़ में किसी मेहबूब की बाहों का सहारा हो गया ।
मोहब्बत में मोहब्बत का मोहब्बत से गुज़ारा हो गया ।
जो जुवां से भी ज़ाहिर कर ना पाये मोहब्बत मेरी।
वहीं मेहबूब अब उम्र भर के लिए तुम्हारा हो गया।।
Phool gufran

52 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मेरी ख़ूबी बस इत्ती सी है कि मैं
मेरी ख़ूबी बस इत्ती सी है कि मैं "ड्रिंकर" न होते हुए भी "थिं
*प्रणय*
बांटेगा मुस्कान
बांटेगा मुस्कान
RAMESH SHARMA
प्रेमिका को उपालंभ
प्रेमिका को उपालंभ
Praveen Bhardwaj
*Fruits of Karma*
*Fruits of Karma*
Poonam Matia
शिकवे शिकायत करना
शिकवे शिकायत करना
Chitra Bisht
मंच पर मेरी आज की प्रस्तुति
मंच पर मेरी आज की प्रस्तुति
Seema Verma
जैसे तुम कह दो वैसे नज़र आएं हम,
जैसे तुम कह दो वैसे नज़र आएं हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मातृभाषा हिंदी
मातृभाषा हिंदी
Nitesh Shah
वाह नेता जी!
वाह नेता जी!
Sanjay ' शून्य'
आशिर्वाद
आशिर्वाद
Kanchan Alok Malu
बेवफ़ा इश्क़
बेवफ़ा इश्क़
Madhuyanka Raj
हड़ताल एवं बंद
हड़ताल एवं बंद
Khajan Singh Nain
लंबे सफ़र को जिगर कर रहा है
लंबे सफ़र को जिगर कर रहा है
Shreedhar
कवियों का अपना गम
कवियों का अपना गम
goutam shaw
” भेड़ चाल “
” भेड़ चाल “
ज्योति
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
'चाँद गगन में
'चाँद गगन में
Godambari Negi
दीदार
दीदार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
अपना सा नाइजीरिया
अपना सा नाइजीरिया
Shashi Mahajan
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
Swami Ganganiya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
बसपन में सोचते थे
बसपन में सोचते थे
Ishwar
ज़िंदगी को
ज़िंदगी को
Sangeeta Beniwal
कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,
कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,
Manisha Manjari
सत्य को पहचान
सत्य को पहचान
Seema gupta,Alwar
3091.*पूर्णिका*
3091.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#वी वाँट हिंदी
#वी वाँट हिंदी
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
जिंदगी रो आफळकुटौ
जिंदगी रो आफळकुटौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
शब्दों की अहमियत को कम मत आंकिये साहिब....
शब्दों की अहमियत को कम मत आंकिये साहिब....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
"खेलों के महत्तम से"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...