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16 Nov 2022 · 1 min read

इतना मत लिखा करो

इतना मत
लिखा करो
कि आसमान
फट जाये..
माना
शब्द ब्रह्मांड
में
रहते हैं
मगर तुम्हें क्या..?
तुम तो..
राजनीति में हो..!
कौन सा तुम्हें
तोलते हैं..?

जितना स्पेस था
ऊपर
सब भर गया है
सच कहूं प्रिये..
मन मर गया है।।

सूर्यकांत

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 60 Views

Books from सूर्यकांत द्विवेदी

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