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26 Jul 2024 · 1 min read

इतना कहते हुए कर डाली हद अदाओं की।

इतना कहते हुए कर डाली हद अदाओं की।
मैं ख़तावार नहीं, हर ख़ता ख़ताओं की।।

🙅प्रणय प्रभात🙅

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