तुम्हारी आँख से जब आँख मिलती है मेरी जाना,
दीपावली
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आज 10 जनवरी विश्व हिंदी दिवस पर प्रस्तुत है एक घनाक्षरी-
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह)
"हम स्वाधीन भारत के बेटे हैं"
डूबते को तिनके का सहारा मिल गया था।
हिन्द देश के वासी हम सब हिन्दी अपनी शान है
कभी कभी ज़िंदगी में लिया गया छोटा निर्णय भी बाद के दिनों में
बिरसा मुंडा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
सपनों का व्यापार है दुनिया
*बीजेपी समर्थक सामांतर ब्रह्मांड में*🪐✨
आप से दर्दे जुबानी क्या कहें।