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4 May 2023 · 1 min read

आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम

आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम
कितना ख्वावों में तुझे और तलाशा जाए।

विशाल बाबू ✍️✍️✍️

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