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8 Feb 2023 · 1 min read

आहुति

दे कर प्राणो की आहुति जीवन को साकार करो
रक्त से अपने भारत माँ के चर्णों का सिंगार करो

तूफ़ानों से आँख मिलाओ मौजों पे प्रहार करो
अपनी हिम्मत के बल बूते भव सागर को पार करो

जैसा पशुओं में होता है मत ऐसा व्यवहार करो
इंसानाँ हो तो इंसानों सा इंसानों से प्यार करो

निजी स्वार्थ की ख़ात़िर अपने जो हम को लड़वाते हैं
लानत भेजो उन लोगों पर उन सब का तिरस्कार करो

हमने माना रस्मे वस्मे तोड़ के आना मुश्किल है
सपनों में तो आओ जाओ इतना तो उपकार करो

जीवन में संतुष्टि की गर मन में इच्छा रखते हो
राजनीति को ठोकर मारो संसद का बहिष्कार करो

अपने आँख और कान हमैशा खुले रखो तो अच्छा है
ना मानो तो भाड़ मे जाओ, जाओ हाहाकार करो

( ख़ुमार देहल्वी )
07/02/2023

Language: Hindi
53 Views
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