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10 May 2023 · 1 min read

आहिस्ता आहिस्ता मैं अपने दर्द मे घुलने लगा हूँ ।

आहिस्ता आहिस्ता मैं अपने दर्द मे घुलने लगा हूँ ।
खाके ठोकर और भी बेहतर बनने लगा हूँ ।
जख्म अब दर्द मुझे देते नही है ।
पाकर खुशी अब मैं बिखरने लगा हू।।

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