Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2023 · 1 min read

आसमां में चांद अकेला है सितारों के बीच

आसमां में चांद अकेला है सितारों के बीच
जमीं पर हम है अकेले महफिल के बीच

55 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"

You may also like:
क्या है उसके संवादों का सार?
क्या है उसके संवादों का सार?
Manisha Manjari
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
2293.पूर्णिका
2293.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अधूरी हसरत
अधूरी हसरत
umesh mehra
बेटियाँ
बेटियाँ
लक्ष्मी सिंह
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
Neelam Sharma
■ विनम्र आग्रह...
■ विनम्र आग्रह...
*Author प्रणय प्रभात*
चंद फूलों की खुशबू से कुछ नहीं होता
चंद फूलों की खुशबू से कुछ नहीं होता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कुछ बातें ईश्वर पर छोड़ दें
कुछ बातें ईश्वर पर छोड़ दें
Sushil chauhan
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"दोस्ती का मतलब" लेखक राधाकिसन मूंधड़ा, सूरत, गुजरात!
Radhakishan Mundhra
"शब्दकोश में शब्द नहीं हैं, इसका वर्णन रहने दो"
Kumar Akhilesh
Honesty ki very crucial step
Honesty ki very crucial step
Sakshi Tripathi
सियासी बातें
सियासी बातें
Shriyansh Gupta
उम्मीदें
उम्मीदें
Dr. Kishan tandon kranti
दरकते हुए रिश्तों में
दरकते हुए रिश्तों में
Dr fauzia Naseem shad
याद तो हैं ना.…...
याद तो हैं ना.…...
Dr Manju Saini
तुमसे ही से दिन निकलता है मेरा,
तुमसे ही से दिन निकलता है मेरा,
Er Sanjay Shrivastava
तितली थी मैं
तितली थी मैं
Saraswati Bajpai
विनती सुन लो हे ! राधे
विनती सुन लो हे ! राधे
Pooja Singh
वैष्णों भोजन खाइए,
वैष्णों भोजन खाइए,
Satish Srijan
মানুষ হয়ে যাও !
মানুষ হয়ে যাও !
Ahtesham Ahmad
जाति का बंधन
जाति का बंधन
Shekhar Chandra Mitra
स्वप्न विवेचना -ज्योतिषीय शोध लेख
स्वप्न विवेचना -ज्योतिषीय शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दिल ये तो जानता हैं गुनाहगार कौन हैं,
दिल ये तो जानता हैं गुनाहगार कौन हैं,
Vishal babu (vishu)
कैसा होगा कंटेंट सिनेमा के दौर में मसाला फिल्मों का भविष्य?
कैसा होगा कंटेंट सिनेमा के दौर में मसाला फिल्मों का भविष्य?
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
यह जरूर एक क्रांति है... जो सभी आडंबरो को तोड़ता है
यह जरूर एक क्रांति है... जो सभी आडंबरो को तोड़ता है
Utkarsh Dubey “Kokil”
प्रभु नृसिंह जी
प्रभु नृसिंह जी
Anil chobisa
*हिंदी गजल के क्षेत्र में रघुवीर शरण दिवाकर राही का योगदान*
*हिंदी गजल के क्षेत्र में रघुवीर शरण दिवाकर राही का योगदान*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
Loading...