आर्य (कुंडलिया)

आर्य (कुंडलिया)
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वेदों को फिर से पढ़ें , गाएँ गीता ज्ञान
याद करें वह आर्य जन ,जो थे शुभ्र महान
जो थे शुभ्र महान , बनें फिर उनके जैसे
ऋषियों का यह देश ,तपस्वी कैसे – कैसे
कहते रवि कविराय ,करें विस्मृत भेदों को
विश्व बनाएँ आर्य ,शीश पर धर वेदों को
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*रचयिता : रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
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*आर्य =* श्रेष्ठ ,उत्तम ,पूज्य ,योग्य ,
वैदिक कालीन प्राचीन भारत आर्यावर्त के निवासी