*आया माघ महावटें( कुंडलिया )*

*आया माघ महावटें( कुंडलिया )*
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आया माघ महावटें , करती आईं शोर
बारिश में डूबी हुई , सुनो रात से भोर
सुनो रात से भोर,लगा वर्षा ऋतु छाई
सावन की बौछार,शीत ऋतु ने दिखलाई
कहते रवि कविराय,बूँद-बारिश जो खाया
उसको हुआ जुकाम, छींकता देखो आया
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 97 61 545 1