Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Sep 2024 · 1 min read

शहर में ताजा हवा कहां आती है।

आया था, आंखों में चमक लेकर
सोचा, शहर में बहुत कुछ मिलेगा
और फिर मुझे मिलने लगा,हर शाम,
एक उदास, दमघोंटू परायापन।

सोचा,नया हूं,सब ठीक हो जाएगा
दूसरे लोग भी तो खुश रहते हैं यहां
और फ़िर खुश रहने का, यही इंतजार
अनंत की ओर ले जाता है मुझे ।।

मेरी भीगी पलकों की यह नमी
मां की वही बात दोहराती है,
बेटा गांव छोड़कर मत जाओ
शहर में ताजा हवा,कहां आती है ?
@करन केसरा

1 Like · 57 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"हैसियत"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल _ रूठते हो तुम दिखाने के लिये !
ग़ज़ल _ रूठते हो तुम दिखाने के लिये !
Neelofar Khan
प्रीति नवेली
प्रीति नवेली
Rambali Mishra
ऊँचाई .....
ऊँचाई .....
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जो सोचूँ मेरा अल्लाह वो ही पूरा कर देता है.......
जो सोचूँ मेरा अल्लाह वो ही पूरा कर देता है.......
shabina. Naaz
समय की महत्ता
समय की महत्ता
उमा झा
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
अवधी स्वागत गीत
अवधी स्वागत गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
दुआर तोहर
दुआर तोहर
श्रीहर्ष आचार्य
जरूरत दोस्त की,समय पर होती है ।
जरूरत दोस्त की,समय पर होती है ।
Rajesh vyas
I became extremely pleased to go through your marvellous ach
I became extremely pleased to go through your marvellous ach
manorath maharaj
खुशियों के पल पल में रंग भर जाए,
खुशियों के पल पल में रंग भर जाए,
Kanchan Alok Malu
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हिमांशु Kulshrestha
2689.*पूर्णिका*
2689.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
महान लोग साधारण लोग होते हैं ।
महान लोग साधारण लोग होते हैं ।
P S Dhami
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
Ranjeet kumar patre
मानवता का मुखड़ा
मानवता का मुखड़ा
Seema Garg
🪁पतंग🪁
🪁पतंग🪁
Dr. Vaishali Verma
पाप के छेदों की एम्बाडरी (रफु ) के लिए एक पुस्तक है। जीसमे
पाप के छेदों की एम्बाडरी (रफु ) के लिए एक पुस्तक है। जीसमे
*प्रणय*
काश!
काश!
Jai Prakash Srivastav
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
प्रेमदास वसु सुरेखा
मित्रता का मेरा हिसाब–किताब / मुसाफिर बैठा
मित्रता का मेरा हिसाब–किताब / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
रुकना हमारा काम नहीं...
रुकना हमारा काम नहीं...
AMRESH KUMAR VERMA
सत्य एक श्री राम
सत्य एक श्री राम
Rajesh Kumar Kaurav
हमारे राम आये है
हमारे राम आये है
Namita Gupta
केकैयी का पश्चाताप
केकैयी का पश्चाताप
Dr Archana Gupta
कामिल नहीं होता
कामिल नहीं होता
Kunal Kanth
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
शोभा कुमारी
जीत मुश्किल नहीं
जीत मुश्किल नहीं
Surinder blackpen
Loading...