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8 Nov 2021 · 1 min read

आब भोग प्रितक तों दण्ड।

किये अभगला प्रीत केले तों
आब भोग प्रितक तों दण्ड
बड़े निक छलहू तोहर प्रेयसी
बड़े रहौ ने प्रेम क घमंड !!

ई प्रेम ककर भेेले अहि जग में
जे तोहर प्रेम नै भेटलौ तौरा।
जकरा देलें तों फुलक गुच्छा
बैह मारि देलको मुंहे हथौड़ा!!

ओही छोरी के चक्कर में तों
बनि गेलें लोफर आर लुच्चा ।
सनटिटहा सन् देह लगे छौ
चलि फटीचर के धेले समुच्चा !!

धूर्र जाऊ प्रेम पर गिरो ठनका
प्रेम सनक किछु नै अधलाह।
राति भरि कनला बउआ आ
भिंसवरा में जोड़ स बजलाह !!

दीपक झा रुद्रा

भूल वश मैथिली साहित्य से कोई छेड़छाड़ कर दिया है तो माफी चाहता हूं गुनी जनों से ।।।
🙏🙏

Language: Maithili
7 Likes · 2 Comments · 333 Views
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